ग्लोबल रविदासिया द्वारा सतगुरु रविदास महाराज जी के संदेश को समर्पित यात्रा ।

ग्लोबल रविदासिया सतगुरु रविदास महाराज जी के संदेश को समर्पित यात्रा । 

24 दिसम्बर 2024 (कुरुक्षेत्र) हाल ही में रविदासिया धर्म को समर्पित एक यात्रा आयोजित की, जिसमें संगत कुरुक्षेत्र से अंबाला, डेरा सचखंड बल्लां जालंधर होते हुए दो बसें जिसमें सेकड़ों संगत अंततः स्वामी जगत गिरी आश्रम, पठानकोट पहुंची । यह यात्रा सतगुरु रविदास महाराज जी के विचारों और संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित थी । जिसका आयोजन ग्लोबल रविदासिया हरियाणा की टीम ने किया । इसकी प्रेरणा हमे श्रीमान केशव ढ़ाडा जी, अंतर्राष्ट्रीय चेयरमैन ग्लोबल रविदासिया यूरोप से मिली, गजब हरियाणा के संपादक जरनैल सिंह रंगा, रविदासिया धर्म प्रचारक बहन रीटा जी कुरुक्षेत्र, श्री धर्मपाल रविदासिया जी पेहवा, श्री फकीर चंद अम्बाला, श्री राजपाल अम्बाला और संगत ने मिलकर इसे एक यादगार यात्रा बना दिया ।

ग्लोबल रविदासिया द्वारा सतगुरु रविदास महाराज जी के संदेश को समर्पित यात्रा
ग्लोबल रविदासिया द्वारा सतगुरु रविदास महाराज जी के संदेश को समर्पित यात्रा

इस यात्रा का मुख्य उदेशय संगत को सतगुरु रविदास महाराज जी के इतिहास से जोड़ना और संत महापुरषों के मिशन के बारे में अवगत करवाना था । ताकि आने वाली पीढ़ी अपने महापुरषों के बारे में जान सके ।

यात्रा का पहला पड़ाव जालंधर था, जो रविदासिया धर्म के प्रचार में विशेष स्थान रखता है। जालंधर और आसपास के क्षेत्रों में सतगुरु रविदास महाराज जी के कई प्रमुख स्थान हैं, लेकिन इस यात्रा में सभी स्थानों पर जाना संभव नहीं हो सका। इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि धर्म के प्रचार-प्रसार को और गति मिले।

डेरा सचखंड बल्लां, जालंधर का मुख्य स्थान है, जो रविदासिया धर्म के प्रचार का वैश्विक केंद्र है। वर्तमान गद्दीनशीन संत स्वामी निरंजन दास जी महाराज हैं, जो सतगुरु रविदास महाराज जन्म स्थान चेरिटेबल ट्रस्ट, सीर गोवर्धनपुर वाराणसी के चेयरमैन भी हैं। हालांकि, इस समय गद्दीनशीन महाराज जी सतगुरु रविदास महाराज जी के संदेश के प्रचार के लिए दुबई गए हुए थे । फिर भी यहाँ का वातावरण अत्यंत आध्यात्मिक और प्रेरणादायक है। डेरा सचखंड बल्लां से पूरे विश्व में सैकड़ों मंदिर सतगुरु रविदास महाराज जी के नाम से संचालित हैं और हमारे धार्मिक इतिहास को संरक्षित कर रहे हैं। यहाँ पहुंचकर संगत को एक अद्वितीय आनंद की अनुभूति होती है ।

ग्लोबल रविदासिया द्वारा सतगुरु रविदास महाराज जी के संदेश को समर्पित यात्रा



संगत अधिक होने के कारण स्वामी जगत गिरी आश्रम पठानकोट में कुछ असुविधा न हो इसलिए संगत द्वारा डेरा सचखंड बल्लां, जालंधर में रुकने पर विचार किया जाने लगा, परंतु बाद यह निर्णय लिया गया की अब संगत सीधे स्वामी जगत गिरी आश्रम पठानकोट जाएगी । अंतत यात्रा साँय 7.30 बजे तक स्वामी जगत गिरी आश्रम पठानकोट पहुंची और वहाँ का वातावरण देखकर संगत की सारी थकावट दूर हो गई । चारों तरफ चहल पहल थी , दुकाने सजी हुई थी । शाम का समय होने के कारण मंदिर और मुख्य द्वार की लाइट बहुत सुन्दर लग रही थी, बहुत ही अद्भुत नजारा था । जब हम पहुचे हजूर महाराज स्वामी गुरदीप गिरी जी महाराज जी के प्रवचन चल रहे थे ।

संगत की संख्या अधिक होने के कारण स्वामी जगत गिरी आश्रम, पठानकोट में भीड़ प्रबंधन को लेकर डेरा सचखंड बल्लां, जालंधर में ठहरने का सुझाव दिया गया। लेकिन अंततः यह निर्णय हुआ कि संगत सीधे पठानकोट पहुंचेगी। शाम 7:30 बजे यात्रा आश्रम पहुंची, जहां का माहौल उत्साहपूर्ण था, चारों तरफ चहल पहल थी , दुकाने सजी हुई थी । लाइटों से सजा मुख्य द्वार और मंदिर का दृश्य मनमोहक था। संगत की थकान, हजूर महाराज स्वामी गुरदीप गिरी जी महाराज जी के प्रवचनों के अद्भुत अनुभव से समाप्त हो गई पूर्व संध्या के इस कार्यक्रम में हजूर महाराज जी के प्रवचन के बाद आरती अरदास के बाद समाप्ति हुई ।

अगले दिन की शुरुआत कुछ संगत द्वारा सुबह 5:30 बजे योग साधना कार्यक्रम में भाग लेने से हुई। सुबह 10 बजे सतगुरु रविदास महाराज जी की आरती “World Peace Temple” में हुई, जो बेहद आध्यात्मिक और शानदार अनुभव था। सुबह 11 बजे मुख्य कार्यक्रम आरंभ हुआ और दोपहर 2 बजे हजूर महाराज स्वामी गुरदीप गिरी जी महाराज जी के प्रवचन शुरू हुए। प्रवचनों और आशीर्वाद के बाद, संगत शाम 6 बजे कुरुक्षेत्र और अंबाला के लिए रवाना हुई, इस प्रकार एक यादगार यात्रा का समापन हुआ।

"हरि मानव एकता सम्मेलन" स्वामी जगत गिरी आश्रम, पठानकोट में प्रतिवर्ष 24 और 25 दिसंबर को स्वामी जगत गिरी जी के परिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होता है। यह कार्यक्रम सतगुरु रविदास महाराज जी के आध्यात्मिक संदेशों के प्रचार के साथ-साथ समाज सेवा के लिए समर्पित है। इस यात्रा ने संगत को न केवल आध्यात्मिकता की गहराई से जोड़ने में मदद की, बल्कि सतगुरु के संदेश को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया, जो सच्चे ज्ञान, प्रेम और मानव एकता पर आधारित है।


शेर सिंह रविदासिया 

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